पेंशन वो पैसा है जो उम्र बढ़ने या काम में से रिटायर होने पर मिलना चाहिए। इसे मिलने से बुजुर्गों को रोज़मर्रा के खर्चों में मदद मिलती है और आर्थिक तौर पर सुरक्षित महसूस करते हैं। भारत में पेंशन दो ढंग से मिलती है – सरकारी योजना और निजी संस्थाओं की योजना। पहले हम सरकारी पेंशन की बात करेंगे, फिर निजी विकल्पों को समझेंगे।
सरकार ने कई पेंशन स्कीमें लॉन्च की हैं, जैसे कि संकटग्रस्त पेंशन योजना (SPP), राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के साथ पेंशन. इन सबका मुख्य फायदा है कि सरकार या सार्वजनिक संस्थान भुगतान की गारंटी देता है, इसलिए रिस्क बहुत कम होता है।
आमतौर पर इन योजनाओं के लिए आपको 60 साल की उम्र पूरी करनी पड़ती है, पर कुछ स्कीमें 55 साल से भी शुरू हो जाती हैं। पात्रता के लिए आपका आयु प्रमाणपत्र, पहचान पत्र (आधार, पैन) और निवास प्रमाण जरूरी होता है। आवेदन ऑनलाइन पोर्टल या नजदीकी सरकारी दफ़्तर से किया जा सकता है। प्रक्रिया ज्यादा जटिल नहीं है – फॉर्म भरें, दस्तावेज़ अपलोड करें और अंत में पुष्टि का इंतज़ार करें।
यदि आप सरकारी स्कीम से संतुष्ट नहीं हैं या अतिरिक्त सुरक्षा चाहते हैं, तो निजी पेंशन का विकल्प देख सकते हैं। बैंक, बीमा कंपनियाँ और कुछ म्यूचुअल फंड कंपनियाँ पेंशन प्लान देती हैं। ये प्लान अक्सर आसान एप्लिकेशन प्रोसेस और लचीलापन प्रदान करते हैं, जैसे कि आप अपनी इच्छा के अनुसार राशि और अवधि चुन सकते हैं।
निजी पेंशन के लिए आपसे आय प्रमाण, मेडिकल टेस्ट और कभी‑कभी सॉलिडिटी रिपोर्ट माँगी जा सकती है। क्योंकि यह निजी संस्थान की गारंटी है, इसलिए आप पूँजी की सुरक्षा के लिए कंपनी की रेटिंग देखना न भूलें। बहुत से लोग अपनी बचत और निवेश को जोड़कर एक ‘कस्टम पेंशन’ बनाते हैं, जिससे रिटायरमेंट में आय स्थिर रहती है।
ध्यान रखने वाली बातें:
अंत में, पेंशन चुनते समय सबसे बड़ा सवाल है – क्या आप स्थायी, भरोसेमंद स्रोत चाहते हैं या लचीलापन और अतिरिक्त लाभ? अगर आप नौकरी में हैं और EPF के साथ पेंशन जोड़ते हैं, तो यह सबसे आसान रास्ता है। लेकिन अगर आपके पास खुद का व्यवसाय है या फ्रीलांसिंग कर रहे हैं, तो निजी पेंशन आपके लिए बेहतर हो सकती है।
एक बार योजना तय हो जाने के बाद, नियमित रूप से अपनी पेंशन स्टेटमेंट चेक करें, ताकि कोई गलती या देरी न हो। यही छोटा-छोटा कदम आपके रिटायरमेंट को सुरक्षित और तनाव‑मुक्त बनाते हैं।