मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने 16 नवंबर, 2025 को भारत भर में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के ग्रैंड विटारा SUV के 39,506 यूनिट्स को रिकॉल करने की घोषणा की — और ये कोई सामान्य खामी नहीं है। ये खामी ड्राइवर के लिए जानलेवा हो सकती है: गाड़ी का ईंधन सुचक और निम्न ईंधन चेतावनी लाइट सही तरीके से काम नहीं कर रहे। कभी-कभी गाड़ी में अभी भी 5 लीटर से ज्यादा ईंधन होने पर भी सुचक शून्य दिखा रहा है। ये खामी सिर्फ भारतीय बाजार के लिए बनाए गए वाहनों में है — निर्यात किए गए यूनिट्स इससे अछूते हैं। यह रिकॉल भारत में 2020 के बाद से मारुति की 12वीं सुरक्षा रिकॉल है, और इसका असर सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली में है।
क्यों हुई ये खामी? तकनीकी गहराई
ये समस्या स्पीडोमीटर असेंबली के अंदर छिपी है — वहीं जहाँ ईंधन सुचक की सुई और लो-फ्यूल LED लाइट लगी होती हैं। इसका कारण है सर्किट बोर्ड पर खराब सॉल्डरिंग। जब गाड़ी चलती है, तो कंपन और तापमान बदलाव से ये सॉल्डर जगह से हट जाता है, जिससे इलेक्ट्रिकल कनेक्शन टूट जाता है। शशिकांत एस., मारुति के इंजीनियरिंग डिवीजन के प्रमुख, ने 15 नवंबर को आंतरिक ब्रीफिंग में कहा: "इस खामी के कारण जब ईंधन स्तर 5 लीटर से ऊपर होता है, तब भी सुचक शून्य दिखाता है।" ये समस्या बिल्कुल वैसी है जैसे आपकी कार का टैंक अभी भरा है, लेकिन डैशबोर्ड पर लाल बत्ती जल रही है और आपको लग रहा है कि आप अगले बैंक पर खड़े हैं।
ये स्पीडोमीटर असेंबली डेन्सो इंडिया लिमिटेड ने बनाई है — जापानी टियर-1 सप्लायर जिसका मुख्यालय करिया, जापान में है। इसका एक इकाई बिदादी, कर्नाटक में है, जहाँ ये खराब बोर्ड बने। मारुति ने जुलाई से अक्टूबर 2025 के बीच 147 वॉरंटी क्लेम्स के आधार पर इस खामी को पहचाना। इनमें से कई ड्राइवर्स ने बताया कि उनकी गाड़ी अचानक बंद हो गई, जब वे बाहरी सड़क पर थे।
कौन प्रभावित है? और कहाँ?
ये रिकॉल 100% उन ग्रैंड विटारा यूनिट्स को छूता है जो अनुमानित उत्पादन अवधि के दौरान बनाई गईं — हालाँकि मारुति ने इस अवधि के बारे में कोई तारीख नहीं बताई। लेकिन रिकॉल के लिए आंकड़े बहुत स्पष्ट हैं: महाराष्ट्र में 7,842 यूनिट्स, गुजरात में 5,631, दिल्ली में 4,927, कर्नाटक में 4,215 और तमिलनाडु में 3,876 यूनिट्स प्रभावित हैं। ये पांच राज्य अकेले ही कुल रिकॉल का 60% हिस्सा बनाते हैं। ये वो राज्य हैं जहाँ सबसे ज्यादा SUV बिकते हैं — और जहाँ लोग दिनभर शहर से बाहर निकलते हैं।
ग्रैंड विटारा, जिसे 1 सितंबर, 2022 को ऑटो एक्स्पो 2023 में लॉन्च किया गया था, एक बहुत ही लोकप्रिय मॉडल है। ₹10.44 लाख से ₹18.24 लाख तक की कीमत पर ये वाहन 1.5L के स्मार्ट हाइब्रिड इंजन से लैस है। ये रिकॉल उसी मॉडल के लिए है जिसके बारे में लोग कहते हैं कि "ये एक ऐसी गाड़ी है जिसे आप अपने बच्चों के साथ गांव भेज सकते हैं।" अब ये खामी उन्हीं लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
रिकॉल कैसे होगा? और क्या आपको कुछ भी देना होगा?
बिल्कुल नहीं। मारुति ने स्पष्ट किया है कि इस रिकॉल के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा। आपको सिर्फ अपने नजदीकी ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पर जाना होगा। सर्विस सेंटर 3,512 हैं — जो 1,932 शहरों में फैले हुए हैं। एक यूनिट को ठीक करने में लगभग 90 मिनट लगेंगे। अगर आपको लगता है कि आपकी गाड़ी इस रिकॉल के दायरे में है, तो आप मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड की वेबसाइट पर अपना 17-अंकीय वाहन पहचान संख्या (VIN) डाल सकते हैं। रिकॉल का कैम्पेन नंबर है: 2025-IND-011।
आपको एक रजिस्टर्ड पोस्ट नोटिफिकेशन भी मिलेगा — लेकिन वो 30 दिनों के भीतर। इसलिए, अगर आपकी गाड़ी 2022 से 2025 के बीच बनी है, तो बेस्ट ऑप्शन है कि आप अपने VIN को अभी चेक कर लें। अगर आपका सर्विस सेंटर आपके घर से 25 किमी से ज्यादा दूर है, तो मारुति आपके लिए फ्री पिकअप-ड्रॉप सर्विस भी देगा। अगर आपका सर्विस दो घंटे से ज्यादा लगे, तो आपको एक लोनर वाहन भी मिलेगा।
सरकार और उद्योग की प्रतिक्रिया
इस रिकॉल को राष्ट्रीय राजमार्ग परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के रिकॉल मैनेजमेंट पोर्टल पर 72 घंटे के भीतर पब्लिश किया जाएगा — जैसा कि सीएमवीआर, 1989 के नियम 126 के तहत अनिवार्य है। भारत में 2025 में कुल 12 लाख वाहनों को रिकॉल किया गया — जो पिछले साल से 22.4% ज्यादा है। ये एक बड़ी बात है, क्योंकि पिछले दशक में भारत में रिकॉल की संख्या बहुत कम थी।
क्रिसिल लिमिटेड के विश्लेषकों के अनुसार, इस रिकॉल की लागत लगभग ₹7.4 करोड़ होगी — ये सिर्फ पार्ट्स की कीमत है। लेकिन इसका नुकसान सिर्फ पैसे तक ही सीमित नहीं है। मारुति के शेयर (NSE: MARUTI) 15 नवंबर को 0.78% गिरे — जो छोटा सा गिरावट लगता है, लेकिन बाजार अब उस बात को जानता है कि एक बड़ी कंपनी के लिए भी छोटी खामी बड़ा खर्च बन सकती है।
क्या ये पहली बार है?
नहीं। मारुति ने पिछले पांच सालों में कई बार रिकॉल किया है। अक्टूबर 2023 में 87,650 विटारा ब्रेज़ा में एयरबैग इंफ्लेटर की खामी के लिए, और मार्च 2024 में 21,400 फ्रॉन्क्स में सीटबेल्ट प्रीटेंशनर की खामी के लिए। अप्रैल 2021 में 56,300 एर्टिगा में ईंधन पंप की समस्या का भी रिकॉल हुआ था — और वो 45 दिनों में खत्म हो गया था। ये बार भी ऐसा ही होने की उम्मीद है।
लेकिन इस बार कुछ अलग है। ये खामी सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि एक ऐसी चीज़ को छू रही है जिसे ड्राइवर रोज़ देखता है — ईंधन सुचक। आप अपने टायर की हवा की जाँच नहीं करते, लेकिन आप ईंधन का स्तर देखते हैं। जब ये सुचक झूठ बोलने लगे, तो विश्वास टूट जाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या मेरी गाड़ी इस रिकॉल के दायरे में आती है?
अगर आपकी गाड़ी ग्रैंड विटारा है और इसे 2022 के बाद से 2025 के अंत तक बनाया गया है, तो शायद हाँ। मारुति ने उत्पादन अवधि के बारे में स्पष्ट तारीखें नहीं बताईं, लेकिन आप अपना 17-अंकीय VIN नंबर www.marutisuzuki.com पर डालकर चेक कर सकते हैं। रिकॉल कैम्पेन नंबर 2025-IND-011 है।
क्या मुझे रिकॉल के लिए पैसे देने होंगे?
नहीं, बिल्कुल नहीं। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड इस रिकॉल के तहत स्पीडोमीटर असेंबली का बदलाव, मजदूरी और लॉजिस्टिक्स सब कुछ अपने खर्चे से करेगा। आपको सिर्फ अपनी गाड़ी को सर्विस सेंटर तक ले जाना है — और अगर वो 25 किमी से दूर है, तो आपके लिए फ्री पिकअप भी उपलब्ध है।
अगर मैंने अभी तक नोटिफिकेशन नहीं पाया, तो क्या करूँ?
रजिस्टर्ड पोस्ट नोटिफिकेशन 30 दिनों में आएगा, लेकिन आप इंतज़ार न करें। अपना VIN ऑनलाइन चेक करें या अपने नजदीकी डीलरशिप से संपर्क करें। अगर आपकी गाड़ी रिकॉल के दायरे में है, तो सर्विस सेंटर आपको तुरंत एपॉइंटमेंट दे देगा।
क्या ये खामी गाड़ी के इंजन या ब्रेक को भी प्रभावित करती है?
नहीं। ये खामी सिर्फ स्पीडोमीटर असेंबली के इलेक्ट्रिकल सर्किट तक सीमित है — जिसमें ईंधन सुचक और चेतावनी लाइट शामिल हैं। इंजन, ब्रेक, सस्पेंशन या इलेक्ट्रॉनिक्स को कोई प्रभाव नहीं पड़ता। लेकिन ईंधन सुचक का गलत रीडिंग अचानक गाड़ी बंद होने का कारण बन सकता है — जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।
क्या ये रिकॉल निर्यात किए गए वाहनों को भी छूता है?
नहीं। मारुति ने स्पष्ट किया है कि ये खामी वाले स्पीडोमीटर केवल भारतीय बाजार के लिए बनाए गए वाहनों में लगे हैं। निर्यात किए गए ग्रैंड विटारा, जो अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया में बिकते हैं, इस खामी से मुक्त हैं।
इस रिकॉल के बाद मारुति का ब्रांड इमेज कैसा रहेगा?
इस रिकॉल के बाद ब्रांड इमेज पर असर न्यूनतम होगा — क्योंकि मारुति ने खामी को खुद पहचाना और जल्दी से रिकॉल किया। भारतीय ग्राहक अब इस बात की ताकत जानते हैं कि एक बड़ी कंपनी भी गलती कर सकती है, लेकिन जिम्मेदारी लेने से विश्वास बना रहता है। अगर ये रिकॉल जल्दी और पारदर्शी तरीके से पूरा हुआ, तो इसे एक बेहतरी का उदाहरण बनाया जा सकता है।